नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)| फिल्मकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकजा ठाकुर का मानना है कि भारत सरकार सेंसर बोर्ड के कामकाज में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन कला और सिनेमा किसी भी सरकार की प्राथमिकता नहीं होती, इसलिए बदलाव आने में समय लग सकता है। ठाकुर ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में बताया, "सरकार सीबीएफसी में बदलाव लाने के लिए कई चीजें कर रही है। उसने पहले ही श्याम बेनेगल समिति के साथ जुड़कर इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है। समिति पहले ही सरकार को सुझाव दे चुकी है और सरकार इस पर विचार कर रही है।"
उन्होंने कहा कि यह इतना आसान भी नहीं है। किसी भी अधिनियम में बदलाव के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत होती है। बिल को दोनों सदनों से पारित किया जाना होता है।फिल्मकार के मुताबिक, "ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि कला व सिनेमा किसी भी सरकार की प्राथमिकता नहीं होती है, लेकिन अगर आप इसे लेकर आवाज बुलंद करते रहते हैं और सही लोगों से संपर्क बनाए रखते हैं, तो फिर मुझे पूरा यकीन है कि लोग जरूर सफल होंगे।"उन्होंने कहा कि फिल्मकारों को अपनी फिल्मों के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए। अच्छी बातें आसानी से नहीं होती और स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति उनमें से एक है।पंकजा ने बताया कि फिल्मकार के रूप में लेखन या शूटिंग के दौरान उन्हें कभी भी सीबीएफसी से डर नहीं लगा।कई लोगों द्वारा 1952 के सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में बदलाव करने की मांग के बाद केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में श्याम बेनेगल समिति का गठन किया है।पंकजा ने बताया कि वह बस यही उम्मीद करती है कि समिति जो भी सुझाव दे, सरकार उस पर अमल करे।इससे पहले गठित मुद्गल समिति भी इस संबंध में कुछ सुझाव दे चुकी है। पंकजा ने कहा कि विभिन्न समितियां गठित करने के बजाय सुझावों पर गौर कर उन्हें प्रभावी बनाने की कोशिश की जानी चाहिए।लघु फिल्म 'द गाइड' का निर्देशन कर चुकीं पंकजा का मानना है कि सरकारी हस्तक्षेप या सहायता के बजाय फिल्म निर्माण में सहयोग के लिए स्वतंत्र सिनेमा को निजी निवेशकों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिल्ड्रन्स फिल्म सोसायटी स्थापित करके सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। राज्य सरकारें भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभा रही हैं।फिल्मकार ने कहा कि पिछले 16 सालों में स्वतंत्र सिनेमा ने अपने लिए एक खास मुकाम बनाया है।पंकजा अपनी पहली फीचर फिल्म पर जल्द ही काम शुरू करने वाली हैं। बच्चों पर आधारित फिल्म की शूटिंग ग्रामीण इलाकों में होगी।--आईएएनएस
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