भारतीय वायुसेना (आईएएफ) प्रमुख अरूप राहा ने शनिवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल कार्रवाई पर काफी चर्चा हो चुकी है। लेकिन सेना इसके बारे में कोई बात नहीं करेगी।
वायुसेना प्रमुख ने हिंडन वायुसेना अड्डे पर 84वें वायुसेना दिवस के मौके पर कहा, देश में इस मुद्दे पर काफी चर्चा हो चुकी है। समाज का हर वर्ग इस मुद्दे पर अपनी राय दे रहा है। सशस्त्र बल परिणाम देंगे। जिसकी देश उम्मीद करता है। हम इसके बारे में बात नहीं करेंगे, हम केवल कार्रवाई करेंगे।
स्टाफ कमेटी के प्रमुखों के अध्यक्ष राहा ने 28-29 सितंबर की रात भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल कार्रवाई और इस मामले के राजनीतिकरण से जुड़े एक सवाल और इससे संबंधित मुद्दों पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
राहा ने इससे पूर्व वायुसेना दिवस समारोह के मौके पर अपने भाषण में कहा, उड़ी (सैन्य शिविर) और पठानकोट (आईएएफ) वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले इस स्थिति को दर्शाते हैं कि हम किस कठिन समय में रह रहे हैं।
बाद में इस विषय पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, हम समझदार हो रहे हैं। हर बार जब भी कुछ होता है, हम सीख लेते हैं। मुझे लगता है कि अब हम ऐसी किसी भी आकस्मिक घटना का सामना करने के लिए भली भांति तैयार हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, सशस्त्र बल किसी भी उप परंपरागत खतरे का सामना करने के लिए तैयार हैं। ऐसे एक-दो मामले सामने आ चुके हैं। एक आतंकवादी काफी लोगों की जान ले सकता है, लेकिन लक्ष्य उसे रोकना है। निवारण करना है।
हमें शुरुआत में ही ऐसे किसी भी हमले का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए, ताकि हम उन्हें कोई नुकसान पहुंचाने से पहले ही बेअसर कर सकें। राहा ने अपने भाषण में कहा कि भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में देखा जा रहा है।
--आईएएनएस
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