सेना और अलगाववादियों के बीच चल रहे झड़प में घायल 13 वर्षीय बच्चे जुनैद अहमद भट्ट की शनिवार को मौत हो गयी। जुनैद की मौत के बाद घाटी के हालात बेकाबू हो गये हैं। प्रसाशन स्थिति को सम्हालने में लगातार लगी हुई है।
जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ झड़प में घायल हुए 13 वर्षीय बच्चे की शनिवार को मौत के बाद घाटी में उपजी हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 91 हो गई है। श्रीनगर के सैदपोरा का रहने वाला 13 वर्षीय जुनैद अहमद भट्ट को शुक्रवार को इलाज के लिए एसकेआईएमएस ले जाया गया था।
पुलिस अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे की आज सुबह मौत हो गई। जिसके बाद से विरोध प्रदर्शनो के बढ़ने की आशंकायें जतायी जा रही हैै। प्रशासन ने इस बाबत तैयारियां कर ली है और पूरी सतर्कता बरत रहा है।
गौरतलब है कि नौ जुलाई को सुरक्षाबलों द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने बाद घाटी में अशांति का माहौल है। घाटी में सभी शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक परिवहन साधन और मुख्य बाजार बंद हैं।
सीमा पर लगातार बढ़ रही सरगर्मी के बीच अलगावादियों ने भी अपने प्रदर्शनो को बढ़ा दिया है। सरकार लगातार इस तरह के विरोध को रोकने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने शुक्रवार को अलगाववादियों के विरोध मार्च को प्रतिबंधित कर दिया था।
कश्मीर घाटी में प्रशासन ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक कार्यालय तक अलगाववादियों के विरोध मार्च को रोकने के लिए प्रतिबंध लगा दिए। जिलाधिकारी फारूक अहमद लोन ने जानकारी देते हुए कहा, ’शुक्रवार को यहां प्रतिबंध कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाया गया था।’
बीते कुछ दिनो से अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन की तैयारियां शुरु कर दिया है। अलगाववादियों ने सोनावर इलाके में स्थित भारत व पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) के मुख्यालय तक मार्च करने का आह्वान लोगों से किया था।
प्रशासन ने ऐहतियात बरतते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। सुरक्षा बलों ने सोनावर की ओर जाने वाले सभी मार्गो को बंद कर दिया और यूएनएमओजीआईपी कार्यालय की ओर जाने वाले सभी वाहनों पर पाबंदी लगा दी। वहां तक पैदल या़ित्रयों को जाने की भी अनुमति नहीं है।
घाटी में पिछले करीब तीन माह से अशांति है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी के आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के अगले दिन यानी जुलाई से ही यहां तनाव का माहौल है, जिसके कारण सभी शिक्षण संस्थान, सार्वजनिक परिवहन और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं।
सीमा पार से घाटी में इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को जमकर बढ़ावा मिलता है। पाकिस्तान ने भारत विरोधी कार्यवाहियों में भी इसे वरीयता दे रखी है।
घाटी में जारी अशांति में अब तक 91 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12,000 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
श्रोतःआईएएनएस
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