प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंड़ल और भाजपा नेताओं के साथ एक बैठक की। यह बैठक मोदी की कैबिनेट सुरक्षा समिति को लेकर थी। उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई पर मंथन किया। सुरक्षा समिति बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई पर विपक्ष को शांत रहने की सलाह दी है।
पीएम मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्षी दल जनता के सामने आलोचना कर राजनीति करना चाहते है। सर्जिकल स्ट्राइक को महत्वपूर्ण कार्रवाई बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस घटना पर ऐसे ही लोग बयान दे जो सार्वजनिक बयान देने के लिए अधिकृत है। विपक्ष इसमें राजनीतिक रोटियां सेकना बंद कर दे। उनकी यह हिदायात सिर्फ विपक्ष पर ही नही है। उन्होंने यह बयान अपने पार्टी नेताओं और सहयोगियों को भी दी है।
पीएम मोदी की यह सलाह ऐसे समय में आयी, जब सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई का राजीनीतिक लाभ लेना चाहते है। इस सर्जिकल कार्रवाई का राजनीतिकरण करने को लेकर विपक्षी दलों ने केन्द्र सरकार पर आलोचना कर रहें है।
बता दें कि भारतीय सेना ने 28-29 सितंबर की रात नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर आतंकवादियों पर सात लांच पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। इसके बाद अब तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा कैबिनेट समिति की यह दूसरी बैठक थी।
सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई पर विपक्षी दल केन्द्र सरकार पर टिप्पठी करने में लगे है। कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी मोदी सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहें हैं। इसके जवाब में केन्द्र सरकार ने कहा कि आपरेशन पर सवाल उठाने पर भारतीय सेना का मनोबल गिर सकता है।
इस हालात को देखते हुए सेना ने भी सर्जिकल वीडियों को जारी करने का अनुरोध किया है। सेना के आला अधिकारी भी यही चाहते है कि उन पर सवाल करने वालों को यह वीडियों जरूर दिखाना होगा। ताकि उन लोगों को आपने सवालों का जवाब मिल जाए, जो आरोप लगा रहें है कि यह सर्जिकल वीडियों हुआ ही नही है। सर्जिकल कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी इसे झूठा करार दिया था।
(श्रोत- आईएएनएस)
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