केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने बुधवार को भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली जारी किया। ऐसा पहली बार है जब देश में पुल की मरम्मत और सुरक्षा के लिए कदम उठाया गया है। देश में सभी पुलों को डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इस प्रणाली को जारी कर विकसित करने का काम किया जा रहा है। इससे पुल को जर्जर व गम्भीर स्थिति में आने से पहले ही मरम्मत किया जा सकेगा।
ऐसा पहली बार होगा जब देश के सारे पुलों की कुण्डली तैयार कर एक ही जगह सुरक्षित मिल सकेगी। देश में सभी पुलों को डाटाबेस तैयार कर भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली में शामिल किया जाएगा। इसके चलते देश में कुल पुलोें की सही संख्या व उसकी मौजूदा स्थिति पर गौर किया जा सकेगा।
इस मौके पर केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बूढ़ी हो चुकी पुलों की कार्ययोजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुल की जर्जर स्थिति हो जाने के चलते कई दफे दुर्घटना में लोगों के जीवन का नुकसान हो जाता है। ऐसे में एक प्रबंधन की जरूरत है। इस प्रबंधन के जरिये हम सभी पुलों का व्योरा डाटाबेस में रख सकेंगे।
भारतीय पुल प्रणाली विश्व की सबसे बड़ा मंच है। जिसमें देश के 1 लाख 50 हजार से अधिक पुलों को डाटाबेस रखा जाएगा। अब तक इस डाटाबेस में 1 लाख 15 हजार पुलों की सूची बन गयी है। जिसमें 85 हजार पुलियां व 30 हजार पुल है।
इस प्रबंधन की सबसे खास बात यह है कि इनवेंटरी तैयार करते समय सभी पुलों को एक खास पहचान संख्या या राष्ट्रीय पहचान संख्या राज्य, आरटीओ जोर और राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य का राजमार्ग व जिलें की सड़क होने के आधार पर दी जाएगी।
सूची तैयार हो जाने के आधार पर ही प्रंबधन डाटा की जांच कर उन पुलों की पहचान करेगा। जिसकी मरम्मत होनी है। इसी डाटाबेस के जरिये समय पर निरीक्षण कार्य सम्पन्न कर पुलों की गम्भीर स्थिति को पहचाना जा सकेगा। इसके तुरंत बाद मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा।
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