पांच दिवसीय भारत यात्रा पर आये सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लंगु और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार एक बैठक की। बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल स्तर के सदस्य मौजूद रहें। बैठक के बाद पीएम मोदी और उनके समकक्ष लुंग ने एक संयुक्त बयान दिया।
इस साझा बयान में सीमा पार से बढ़ते आतंकवाद और भारत की सुरक्षा को गम्भीरता से लिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और चरमवाद का बढ़ना हमारे देश की सुरक्षा के लिए एक बडी चुनौती है।
पीएम मोदी ने लोगों को एकता का संदेश देते हुए कहा कि आतंकवादियों ने हमारे सामाजिक तानेबाने को जोखिम में डाल रहें है लेकन हमें शांति और मानवता में विश्वास करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एक होकर लड़ना होगा।
पीएम मोदी का यह बयान बीतें दिनों जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के शिविर में आतंकती हमले पर शहीद हुए सैनिक को याद करते हुए कहा। इसी घटना को पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला करार दिया था।
जिसके चलते नवंबर में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिस्कार किया। इसका समर्थन पडोसी देश बंग्लादेश, श्रीलंका और भूटान ने दिया था।
बयान में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लुंग ने सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की। इससे निपटने के लिए लुंग ने भारत का सहयोग करने में सहमति दी। इसके साथ ही सिंगापुर प्रधानमंत्री लुंग और भारत प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा देने पर भी सहमति जताई।
इसके साथ ही सिंगापुर की मुद्रा नीति की प्रसंशा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और लुंग ने कहा कि हम सिंगापुर के रूपये का कारपोरेट बा्रड जारी करने का स्वागत करते है।
विदेश मंत्री सुशमा स्वराज ने प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। बुधवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लुंग राजस्थान के उदयपुर के लिए रवाना हुए। इसके पहले प्रधानमंत्री लुंग ने भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की।
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