कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच लम्बे अरसे से चला आ रहा कावेरी जल विवाद खत्म होने की राह पर दिखाई दे रहा है। कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी देने के लिए तैयार हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक सरकार को फटकार लगाने और कोर्ट के सख्त रवैये से राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि 30 सितम्बर को कोर्ट के निर्देशानुसार तमिलनाडु ने कावेरी का पानी छोड़ा या नहीं।
कोर्ट राज्य सरकार को इसका जवाब आज दोपहर तक देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रूख से बीते दिन कर्नाटक विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार कावेरी बेसिन के चार जलाशसयों से सिंचाई के लिए पानी लेने के बारे में उचित निर्णय ले सकती है।
हालांकि इसमें तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने के बारे में कुछ भी नही कहा गया। यह निर्णय ऐसे समय में सामने आया जब हाई कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से आज 2 बजे तक है। तमिलनाडु को पानी देने को लेकर कोर्ट ने 20, 27 व 30 सितंबर को आदेश दिया था। साथ ही केन्द्र को चार अक्टूबर तक कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया था।
कावेरी जल प्रंबधन बोर्ड के गठन के निर्देश के खिलाफ केन्द्र ने भी सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। इसके बाद भी यह जिम्मेदारी कार्यपालिका क्षेत्र में आती है। इस कदम से तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने केन्द्र से खफा होकर तीखी प्रतिक्रिया भी दिया था।
बता दें कि कर्नाटक ने हालिया दिनों में दो बार सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना की है, जिसमें उन्हे तमिलनाडु के किसानों के लिए पानी छोड़ने को कहा था। लेकिन सोमवार रात को सिंचाई मंत्री द्वारा कहा गया कि कर्नाटक तथा सीमा पार किसानों के लिए कुछ पानी छोड़ेगा।
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