क्राइम ब्रांच के प्रभारी सुशील कुमार यादव ने कहा कि शुक्रवार रात आरोपी दलाल को पूछताछ के बाद भिलाई-3 आरपीएफ को सौंपा गया। उन्होंने बताया कि शनिवार को भिलाई की आरपीएफ टीम आरोपी को रायपुर न्यायालय में पेश किया।
यादव ने बताया कि मौके से ही दलाल के कब्जे से क्राइम ब्रांच की टीम ने 100 तत्काल टिकट, 15 प्रीमियम तत्काल टिकट सहित 173 अनाधिकृत टिकट जब्त की। सारे टिकटों की कुल कीमत 1 लाख 80 हजार 741 रुपये आंकी गई है। साथ ही आईआरटीसी की 44 फर्जी पहचानपत्र का खुलासा हुआ है।यादव ने कहा, "रेलवे क्राइम ब्रांच की टीम पूरी रूपरेखा तय कर भिलाई स्थिल दलाल के कार्यालय पहुंची थी। किसी भी तरह की चुक नहीं करने की हिदायत टीम को दी गई थी। टीम ने दलाल से तत्काल टिकट बुक करने की डील तय की। देखते ही देखते महज 40 सेकेंड में दलाल ने तत्काल कोटे के टिकट बुक किए। टीम भी उसके कार्य को देखकर अंचभित हो गई। टीम ने तत्काल दलाल को गिरफ्तार किया।"जहां आम नागरिक तत्काल टिकट पाने के लिए तत्काल कोटा खुलने के 10-15 मिनिट तक भी बुक कराने का प्रयास करे तो शायद न हो सके। वहीं ये दलाल सॉफ्टवेयर की मदद से महज 40 सेकेंड के अंदर ही तत्काल के सारे टिकट बुक कर देता है।बहरहाल रेलवे की क्राइम ब्रांच टीम ने अपनी रूपरेखा को अंजाम देते हुए दलाल हेमंत कुमार देवांगन (43) को अपने जाल में फंसा लिया। क्राइम ब्रांच के टीआई यादव ने बताया कि सूत्रों से जानकारी मिलने पर दलाल की रेकी की गई थी। शुक्रवार सुबह ऑफिस खुलने से पहले क्राइम ब्रांच के अधिकारी वहां तत्काल टिकट लेने पहुंचे और टिकट बनाने की पूरी प्रक्रिया देखने के बाद कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में एसआई केपीएस गुर्जर, एएसआई एस.थानापति और आरक्षक ए.पी. पवार शामिल थे।पावर हाउस के इस टिकट दलाल के पास रायपुर और दुर्ग के यात्री भी तत्काल टिकट बनाने के लिए पहुंचते थे। भिलाई पावर हाउस स्टेशन परिसर स्थित दुकान में दलाल पिछले 9 साल से ई-टिकटों की कालाबाजारी करता रहा, लेकिन भिलाई के आरपीएफ को भनक तक नहीं लगी।आरोपी दलाल के पास से 6 कंप्यूटर, 5 प्रिंटर, 6 मोबाइल और बुक किए गए टिकटों का पूरा लेखा-जोखा जब्त किया गया है। क्राइम ब्रांच के अधिकारी अब तक बुक की गई टिकटों का हिसाब-किताब जानने के लिए आईटी एक्सपर्ट की मदद भी लेंगे। 88 फर्जी आईआरसीटीसी की आईडी ब्लॉक किया जाएगा।--
आईएएनएस
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