वाराणसी, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी पर निर्मित राजघाट पुल पर शनिवार अपराह्न् उस समय भगदड़ मच गई, जब चंदौली की सीमा पर राजघाट पुल के पास स्थित डोमरी गांव में जय गुरुदेव की स्मृति में आयोजित दो दिवसीय जागरूकता शिविर में हिस्सा लेने उनके हजारों अनुयायी गुजर रहे थे। अचानक मची इस भगदड़ में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 60 अन्य घायल हैं। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। मृतकों में 15 महिलाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के लिए पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने घायलों के लिए भी 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।रामनगर के थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने आईएएनएस से कहा, "हादसे में घायल पांच लोगों की अस्पताल में मौत हो गई है। इसके साथ ही मृतकों की कुल संख्या 24 हो गई है।"वाराणसी के मुख्य चिकित्साधिकारी वी. वी. सिंह ने कहा कि घायलों में पांच की हालत गम्भीर है, लिहाजा मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। घायलों को इलाज के लिए रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। मृतकों में 20 महिलाएं शामिल हैं।चंदौली के जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने आईएएनएस से कहा, "चंदौली जिले में गंगा किनारे डोमरी गांव में बाबा जयगुरुदेव की स्मृति में आयोजित दो दिवसीय जागरूकता शिविर में हिस्सा लेने बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी के पीली कोठी इलाके से होते हुए कार्यक्रम स्थल के लिए जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में राजघाट पुल पर अपराह्न् लगभग 1.30 बजे अचानक भगदड़ मच गई।"पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डुमरिया में जय गुरुदेव की गद्दी पर आसीन बाबा पंकज दास का दो दिवसीय सत्संग समागम रविवार से होना था। कई राज्यों और शहरों से हजारों की संख्या में जय गुरुदेव के अनुयासी वाराणसी पहुंचे थे। शनिवार सुबह से ही राजघाट पुल पर गुरुदेव के अनुयायियों का पैदल मार्च चल रहा था। इसके कारण वहां यातायात पर रोक लगा दी गई, परिणामस्वरूप पूरे शहर में जाम लग गया। इस बीच अचानक पड़ाव के पास भगदड़ मच गई।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भगदड़ में लोगों की मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है, और घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने का निर्देश वाराणसी के मंडायुक्त को दिया है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने हादसे में घायल लोगों के मुफ्त व समुचित इलाज के निर्देश दिए हैं।वाराणसी के जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने हादसे के लिए डोमरी में आयोजित जयगुरुदेव आध्यात्मिक सत्संग महामानव संगम के आयोजक और जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी आचार्य पंकज को जिम्मेदार ठहराया है।आनंद ने कहा, "आयोजकांे ने तीन हजार लोगांे के आने की बात बताई थी, लेकिन तीन लाख से अधिक लोग आ गए। घटना की जांच के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा, "भगदड़ की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। आयोजकों ने अनुमति से अधिक भीड़ जुटाई थी।" चौधरी और गृह सचिव एस.के. रघुवंशी विशेष विमान से वाराणसी रवाना हो गए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र है।केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जताया और कहा कि उन्होंने इस घटना पर वाराणसी के मंडलायुक्त से बात की है।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस दुर्घटना पर शोक जताया है और पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे पीड़ितों को यथासंभव मदद मुहैया कराएं।इस बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने हादसे के लिए पुलिस और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। पांडेय चंदौली से सांसद हैं।सूत्रों के अनुसार, समागम में जुटने वाली भीड़ का आकलन करने में खुफिया तंत्र (एलआईयू) की रपट पर जिला प्रशासन भी फेल हो गया। हादसे के बाद घंटों लोग भगदड़ में फंसे रहे, और जिला प्रशासन के अफसर भी भीषण जाम के कारण मौके पर देर से पहुंचे।जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी आचार्य पंकज ने घटना पर दुख प्रकट किया और कहा कि जिला प्रशासन सुरक्षा-बंदोबस्त में नाकाम रहा।उल्लेखनीय है कि वर्ष 1996 में नौ, 10 और 11 फरवरी को डोमरी गांव में गंगा किनारे संपन्न हुए शिविर में बाबा जयगुरुदेव अपने भक्तों से मुखातिब हुए थे। उस समय करीब 20 लाख अनुयायी गंगा रेती पर जमा हुए थे।इस बार भी उसी स्थान पर 15 अक्टूबर से आयोजित दो दिवसीय समागम में उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित कई प्रांतों से अनुयायी बीते कई दिनों से गंगा किनारे पहुंच रहे थे, जिनकी संख्या लाखों बताई गई है।--आईएएनएस
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