गाजीपुर, 16 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लेखक डॉ. हैदर अली खान की आत्मकथा 'सिपाही का बेटा : कलम का सिपाही' का लोकार्पण करते हुए रिसाला-ए-इंसानियत के संपादक मकबूल वाजिद ने कहा कि जीवनियां जीवन संवार देती हैं।
इसलिए लोगों को महापुरुषों की जीवनियां पढ़नी चाहिए। उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि डॉ. खान की जीवनी नौजवानों को पंख लगाने तथा बुजुर्गो को अवसाद से बचाने में सक्षम है।
गाजीपुर के शाह लगन पैलेस में आयोजित लोकार्पण समारोह में पुलिस अधीक्षक रामकिशोर वर्मा ने कहा कि एक सिपाही का बेटा अगर कलम का सिपाही बनकर समाज, देश और दुनिया को दिशा देता है तो हम सब पुलिस वालों को विशेषकर इससे बढ़कर कोई खुशी की बात नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, "हम एक सिपाही के सपूत डॉ. हैदर को बधाई देते हैं और उनके सुंदर, स्वस्थ जीवन की मंगल कामना करते हैं।"
--आईएएनएस
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