खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय ने राज्य के सभी कलेक्टरों को इस आशय का परिपत्र जारी कर दिया है।
परिपत्र में कहा गया है कि पूर्व में खाद्य विभाग की वेबसाइट में राशन कार्डधारकों के आधार की जानकारी अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ जिलों से राशन वितरण में हो रही असुविधा के संबंध में सूचना मिली है। इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि जिन हितग्राहियों के प्रमाणीकृत आधार नंबर प्राप्त हो चुके हैं, उनसे दोबारा आधार नंबर प्राप्त नहीं करना है। केवल छूटे हुए सदस्यों जिनके नाम टैब, सूची में प्रदर्शित है, उनके आधार नंबर का संकलन प्राथमिकता के साथ किया जाए।परिपत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन सामग्री की प्राप्ति के लिए राशन कार्डधारकों से आधार नंबर के उपयोग की सहमति अलग पंजी में लेकर राशन दुकान स्तर पर संधारित किया जाए। आधार नंबर की उपयोगिता के संबंध में राशन कार्डधारकों को बताए कि कोर पीडीएस के जरिए भविष्य में राज्य के किसी भी राशन दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी।परिपत्र में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा केरोसिन के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना (डीबीटी) के लिए राशन कार्ड धारकों के आधार नंबर की जरूरत होगी, इसकी भी जानकारी दी जाए।प्रदेश में 97 प्रतिशत राशन दुकानें कंप्यूटरीकृत :राज्य शासन द्वारा प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शत-प्रतिशत राशन दुकानों का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 97 प्रतिशत राशन दुकानें कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं। इससे राशन कार्ड धारकों द्वारा प्राप्त राशन सामग्री की तिथि, समय और राशन की मात्रा की जानकारी आम लोगों को जनभागीदारी वेबसाइट पर उपलब्ध हो रही है।खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पीडीएस को और अधिक मजबूत एवं पारदर्शी बनाने के लिए प्रदेश के सभी बारह हजार 349 राशन दुकानों के कंप्यूटरीकरण का कार्य शुरू किया गया है। इनमें से अब तक 12 हजार 21 राशन दुकानें एंड्रॉयड आधारित टेबलेट के माध्यम से कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं।--आईएएनएस
|
Comments: