प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलाम की 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सभी देशवासियों के चहते अब्दुल कलाम को श्रदापूर्वक नमन किया।
पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी असाधारण सेवा के लिए कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
वह 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 25 जुलाई, 2007 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
विंग्स ऑफ फॅायर, इग्नाइटिड माइंड्स रू अन्लीशिंग द पावर विदिन इंडिया और इंडिया 2020 के लेखक कलाम एक अच्छे वक्ता के साथ ही कुशल लेखक भी थे। जिसकी वजह से वो आज भी लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत बने है।
इसके साथ ही वो हमेशा बच्चों के लिए खास रहें। वह हमेशा बच्चों को बड़े सपने देखने और जीवन में बड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते रहे।
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का मानना था कि बच्चों को बचपन में दी गई शिक्षा ही उसके सारे जीवन का आधार बन जाती है। इसके लिए वे अपना उदाहरण देते हुए बताते थे कि वे बचपन से ही अपने गुरु अय्यर जी से अत्यधिक प्रभावित थे।
कलाम ने कक्षा 5 में ही उनके गुरु अय्यर जी ने उनकी कक्षा के सभी बच्चों को कक्षा में पक्षियों के उड़ने की क्रिया समझाने के साथ ही उनके कक्षा के सभी बच्चों को शाम को समुद्र तट पर बुलाकर पक्षियों को उड़ते हुए भी दिखाया करते थे।
बता दे कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। 27 जुलाई, 2015 को आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया था।
पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी-3) को विकसित करने में परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
जो जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया है। इसके बाद देश अंतरिक्ष क्लब का एक विशिष्ट सदस्य बन गया।
श्रोत--आईएएनएस
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