हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मरने के बाद घाटी में उठे विरोध को देखते हुए सावधानी के तौर पर आज 97 वें दिन भी कर्फ्यू जारी है। हालांकी घाटी में माहौल अब शांत हैं लेकिन फिर भी सावधानी के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीनगर शहर के पांच थाना क्षेत्र अन्तर्गत इलाकों में कर्फ्यू जारी है।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सावधानी के तौर पर नाउहट्टा, खानयानर, रैनवारी, सफकदल और महराज गंज थाना क्षेत्र में लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी है।
अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में कहीं अन्य लोगों की गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं। पूरी घाटी में धारा 144 सीआरपीसी के तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी है।
उन्होंने बताया कि लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ाने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि लोग बिना भय के अपना दैनिक कामकाज कर सकें।
यहां के व्यपारिक गतिविधियों के केन्द्र लाल चैक के इर्द-गिर्द सहित शहर के सिविल लाइन्स इलाकों में निजी वाहनों और ऑटो रिक्शाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
हालांकि, दक्षिण कश्मीर में आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में लगातार 97 वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ है।
बता दें की बुरहान वानी के मृत्यू के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन होते रहें है। इन प्रदर्शनो को रोकने के लिए सेना को मजबूरी में रबर की बुलेट वाली गन का प्रयोग करना पडा जिससे हाल ही में तेरह साल के एक बच्चे की मौत भी हो गयी।
इस बच्चे की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों के और अधिक उग्र और हिंसक होने की आशंका जतायी गयी थी । तब से श्रीनगर घाटी में लगातार सावधानी के तौर पर लगातार कर्फ्यू लगा है।
अशांति के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में दो पुलिसकर्मी सहित अब तक 92 लोगों की जान चली गयी और हजारों लोग घायल हुये हैं। अशांति का चैथा महीना शुरू हो गया है और दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठानें, पेट्रोल पंप और शैक्षणिक संस्थान सभी ठप्प पड़े हुए है यहां तक सार्वजनिक परिवहनों को भी रोक दिया गया है।
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