पिछले महीने के अंत में पाक सीमा में जाकर भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस पूरे वाकये का श्रेय जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिया तो सरकार और विपक्ष में इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक का केडिट लेने की होेेड़ सी लग गयी है। इस मुद्दे को लेकर इस बार सरकार और विपक्ष आमने सामने खड़े है।
हालांकि विपक्ष में मुख्य भूमिका में बैठी कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही सरकार का खुल कर साथ दे रही थी लेकिन साथ ही ऐसी ही एक और सर्जिकल स्ट्राइक का दावा करने में लगी हुई थी जो कि कांग्रेस सरकार में हुई थी।
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री को श्रेय देने के साथ ही साथ इस बात को सीरे से खारिज किया था कि इससे पहले कोई भी सर्जिकल स्ट्राइक नही हुई। इसपर कांग्रेस ने पर्रिकर पर तीखे हमले किए।
मनोहर पर्रिकर के इस तरह के बयान के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर सेना पर
खुल्लम खुल्ला राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इस मामले पर माफी मांगने की बात कही है।
रक्षा मंत्री ने महाराष्ट्र में दो भिन्न आयोजन मे सभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि ‘कार्रवाई पर संदेह’ कर रहे लोगों समेत भारत के 127 करोड़ लोग और सेना इस अभियान के श्रेय की हकदार है क्योंकि यह सशस्त्र बलों ने किया, न कि किसी राजनैतिक दल ने।’
साथ ही उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर लिये गये सभी फैसलों और उसके नियोजना का बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को जाता है। उन्होने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित फोरम को सम्बोधित करते हुए कहा था कि उनकी जानकारी के मुताबिक पहले कभी कोई सीमित सैन्य कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनियता पर उठ रहे सवालों के सन्दर्भ में कहा था कि ‘मुझे लक्षित हमलों समेत श्रेय को हर देशवासी के साथ साझा करने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि इसे हमारे सशस्त्र बलों ने किया और किसी राजनैतिक दल ने नहीं किया। इसलिए कार्रवाई पर संदेह करने वालों समेत सभी भारतीय श्रेय साझा कर सकते हैं।’
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