मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक वीडियों पर एक बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार भारतीय सेना द्वारा दो हप्ते पहले पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो को सार्वजनिक नही करेगा।
भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े किसी भी सबूत को जारी ना करने का निर्णय लिया है। मोदी सरकार का मानना है कि सबूत सार्वजनिक किए जाने से पाकिस्तानी सेना की मुश्किले बढ़ सकती है लेकिन सरकार ऐसा नही करना चाहती है।
भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई के बाद से भारतीय राजनीति में एक मोड़ आ गया था। केन्द्र सरकार पर विपक्षी दलों ने टिप्पठी करनी शुरू कर दी थी। इतना ही नहीं विपक्षी दलों ने सेना की विश्वनीयता पर भी सवाल खड़े किए थे।
सर्जिकल स्ट्राइक पर जमकर बयानबाजी और राजनीति करते हुए कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने इसे फर्जी बताया तो केजरीवाल ने इसके सबूत मांग लिए। इस तरह की बातों पर सरकार ने अभी तक फैसला नहीं लिया है कि वो इस ऑपरेशन का वीडियो जारी करें या नहीं।
सरकार के अनुसार, डीजीएमओ के बयान पर भरोसा किया जाना चाहिए। सूत्रों से पता चला है कि सरकार इस ऑपरेशन पर हो रही राजनीति में नहीं पड़ना चाहती। सरकार का मानना है कि इस मसले पर हो रही राजनीति के कारण उसको लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सेना के ऑपरेशन के किसी को कोई सुबूत देने की जरूरत नहीं है।
सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, पाक अधिकृत कश्मीर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पहले से रक्षा मंत्रालय के पास हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली बैठक में बुधवार को इस बात पर चर्चा हुई कि इन सबूतों को सार्वजनिक किया जाए या नही। बैठक में मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई का वीडियों सार्वजनिक नहीं करने पर सहमति जाताई है।
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