बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ के ऐशबाग रामलीला में दशहरा उत्सव में पहंुचे मोदी पर सेना को भुला देने का आरोप लगाया। उन्होने प्रधानमंत्री मोदी के रामलीला में शामिल होने को राजनीति तथा चुनावी लाभ के लिए प्रेरित कदम बताया।
मायावती ने प्रधानमंत्री के इस रवैये को दुखद बताते हुए कहा कि मोदी का अपने भाषण में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके में आतंकवादियों के शिविरों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने पर सेना की तारीफ में एक शब्द भी नहीं कहना बड़े दुख की बात है।
मायावती ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिये सुनियोजित तौर पर दूसरों से अपनी प्रशंसा करवाते रहने का शौक पालने के बजाय प्रतिपक्षी पार्टियों की तरह ही उस सेना की प्रशंसा करते तो बेहतर था जिसने नियन्त्रण रेखा के उस पार जाकर पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को तबाह किया।
उन्होंने कहा कि मोदी ऐशबाग रामलीला में शामिल होकर जो राजनीतिक व चुनावी संदेश देना चाहते थे वह रामलीला मैदान के आस-पास लगे बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर और होर्डिग में सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के लिये सेना के बजाय उन्हें श्रेय देने की इबारतों से जाहिर था। यह गलत है और पार्टी की गलत नीयत को दर्शाता हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘युद्ध से बुद्ध’ की तरफ जाने सम्बन्धी बयान पर मायावती ने कहा कि युद्घ से बुद्घ के रास्तों पर जाने के बजाय बेहतर होगा कि अपना देश और पूरी दुनिया बुद्घ के रास्तों पर चलने का वास्तविक प्रयास करे ताकि फिर युद्घ करने की जरूरत ही ना पड़े।
उन्होने प्रधानमंत्री के भाषण पर निशाना साधते हुए कहा कि युध्द और सीमा पर शांति को लेकर सिर्फ बयानबाजी करने से कुछ नहीं होने वाला इसके लिए सरकारों को राजनीति से जमीन पर आकर कार्य करना चाहिए।
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