विजयदशमी के अवसर पर ऐशबाग रामलीला मैदान लखनउ लखनऊ पहुंचे प्रधानमंत्री ने देसवासियों को पर्व की बधाई देते हुए आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की ओर निशाना साधते हुए कहा हमें आतंकवाद और आतंक के संरक्षकों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रहे आतंकियो का घुसपैठ, देश में अब सुर्खियों मेें और त्योहारों में भी चर्चा परिचर्चा का मुद्दा बन गया है। ऐशबाग रामलीला सहित पूरे देश में हो रहे रामलीला में इस बार मंचन का विषय आतंकवाद ही रहा।
प्रधानमंत्री ने ऐशबाग रामलीला के मंचन में आतंकवाद का विषय रखने की प्रशंसा करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है, और प्रभु राम मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं मानवता के उच्च मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रधानमंत्री ने रामायण में आतंक के खिलाफ लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि रामायण गवाह है कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले लड़ाई किसी ने लड़ी थी तो वो जटायु ने लड़ी थी। एक नारी के सम्मान के लिए रावण जैसी सामर्थ्यवान शक्ति के खिलाफ एक जटायु जूझता रहा, लड़ता रहा। आज भी अभय का संदेश कोई देता है तो जटायु देता है। और इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासी- हम राम तो नहीं बन पाते हैं, लेकिन अनाचार, अत्याचार, दुराचार के सामने हम जटायु के रूप में तो कोई भूमिका अदा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने अवध प्रांत को राम की जन्मभूमि बताया और ऐशबाग में विजयदशमी पर उनके निमंत्रण का धन्यवाद देते हुए कहा, ‘आप सबको विजयादशमी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। मुझे आज अति प्राचीन रामलीला, उस समारोह में सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला है। हिन्दुस्तान की धरती का ये वो भू-भाग है, जिस भू-भाग ने दो ऐसे तीर्थरूप जीवन हमें दिए हैं- एक प्रभु राम और दूसरे श्री कृष्ण, इसी धरती से मिले। और ऐसी धरती पर विजयादशमी के पर्व पर आ करके नमन करना, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है?’
ऐशबाग रामलीला समिति को आभार व्यक्त करते हुए उन्होने कहा, ‘मैं इस समिति का इसलिए आभारी हूं कि जैसे लोकमान्य तिलक जी ने गणेश-उत्सव को सार्वजनिक उत्सव बना करके सामाजिक चेतना जगाने के लिए एक अवसर के रूप में परिवर्तित किया था, आपने भी इस रामलीला के मंचन को सिर्फ पुरानी चीजों को भक्ति भाव से याद करने तक सीमित नहीं रखा।
इस बाबत प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के अलावा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गंदगी और गरीबी जैसी समस्याओं और उन पर देश के प्रतेक नागरिक के कर्तव्यों की भी चर्चा किया और सभी को अपनी जिम्मेदारी के साथ राष्ट्र सेवा करते रहने की बात कही।
गंदगी को भी रावण का स्वरूप बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ’गंदगी, ये भी रावण का ही एक छोटा सा रूप ही है। ये गंदगी है जो हमारे गरीब बच्चों की जान ले लेती है। बीमारी गरीब परिवारों को तबाह कर देती है। अगर हम गंदगी से मुक्ति पाएं, गंदगी रूपी रावण से मुक्ति पाएं, तो देश के करोड़ों परिवार जो अल्पायु में मौत के शरण हो जाते हैं, बीमारी के शिकार हो जाते हैं, उनको हम बचा सकते हैं।
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