नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के मामले में अरविन्द केजरीवाल द्वारा लगाये गये अरोपों की कड़ी निंदा की और कहा है कि वह इस मामले में गंदी राजनीति कर रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के मामले में अरविन्द केजरीवाल की भूमिका वैसी ही है जैसी पिछली फरवरी में कन्हैया के मामले में या अक्टूबर, 2016 में उनका आचरण पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी शिविरों पर सेना और सरकार द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न उठाते वक्त था।
यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत केजरीवाल ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में चल रहे आंदोलन का समर्थन किया और विश्वविद्यालय परिसर को राष्ट्र विरोधी गतिविधयों का केन्द्र बनाने में मदद की और अब वह दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में भी अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
केजरीवाल ने निर्भया से जुड़ी भावनाओं पर पीड़ित होने की राजनीति की है और उसके बाद स्वयं निर्दोष होने का नाटक किया। फरवरी, 2016 में उन्होंने कन्हैया को एक पीड़ित छात्र के रूप में आगे लाने का प्रयास किया और अब गुरमेहर को स्वयं के राजनीतिक लाभ के लिए पीड़ित साबित करने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा है कि अब समय आ गया है कि अरविन्द केजरीवाल को यह एहसास हो जाना चाहिये कि दिल्ली के छात्र उनकी राष्ट्र विरोधी राजनीति को पसंद नहीं करते। वर्ष 2015-16 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में छात्रों ने उन्हें नकार दिया था और वर्ष 2016-17 के छात्र संघ चुनाव में उनकी पार्टी ने भाग ही नहीं लिया क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीदवार नहीं थे।
दिल्ली पुलिस को उन राजनीतिक शक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिये जो दिल्ली के छात्र समुदाय के बीच महौल को विषाक्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
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