मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1984 में एक केमिकल कम्पनी से जहरीली गैस के श्रावित होने से हुए हादसे में मारे गये लोगों को शनिवार को देश के विभिन्न जगहों पर भावभीनी श्रध्दांजलि दी गयी और जगह-जगह पर यूनियन कार्बाइड के पुतले भी फूकें गये।
2 और 3 दिसम्बर की मध्य रात्रि को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस से हुए हादसे की 32वीं बरसी पर शनिवार को दिवंगतों को श्रध्दांजलि देने के लिए प्रार्थना सभा हुई। विभिन्न संगठनों ने प्रभावितों की उपेक्षा को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि इस हादसे में यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस ने भोपाल में तबाही मचाई थी, हजारों की मौत और लाखों के बीमार होने का दर्द आज भी यहां के लोगों के जेहन में है। इस हादसे में अधिकारिक तौर 3787 लोगों की जाने गयी थी और लगभग 6 लाख लोग असमान्य रूप से घायल हुए थे।
बरसी के मौके पर हर वर्ष विरोध-प्रदर्शन के साथ गैस पीड़ित अपने हक का नारा बुलंद करते आ रहे हैं। शनिवार को भी बरसी के मौके पर विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। आज भी पीडीतों के कई संगठन इस हादसे में लिए न्याय के लिए कोर्ट में चक्कर काट रहे हैं।
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन भी यादगार-ए-शाहजहांनी पार्क में प्रतिज्ञा सभा का आयोजन कर रहा है। इसमें गैस पीड़ितों द्वारा अपने हक की लड़ाई जारी रखने की प्रतिज्ञा की जाएगी। सरकार की ओर से भोपाल गैस त्रासदी की 32वीं बरसी पर शनिवार को बरकतउल्ला भवन में सुबह साढ़े 10 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुई।
इसके अलावा भोपाल ग्रुप फॉर इन्फर्मेशन एण्ड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों के संगठन ने विरोधस्वरूप रैली शुरू कर दी है। वे इस क्रम में डाव केमिकल्स और यूनियन कार्बाइड का पुतला भी जलाएंगे।
भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति द्वारा संयंत्र के सामने स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को दोषपूर्ण करार देते हुए इसका भी पुतला जलाने की बात कही है।
स्रोतः आईएएनएस
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