नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए घोषणा की है कि उनके जन्म दिवस 14 अप्रैल को 'जल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। भारती केंद्रीय जल आयोग की ओर से समावेशी विकास के लिए जल संसाधन प्रबंधन पर डॉ. अंबेडकर के विचारों पर मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं।
भारती ने कहा, "आने वाले दिनों में पानी भारत सरकार का महत्वपूर्ण एजेंडा बनने वाला है। अब समय आ गया है जब हम विचार करें कि क्या हर कार्य के लिए स्वच्छ जल का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संशोधित और गैर संशोधित जल का किस प्रकार से बेहतर इस्तेमाल हो।"विभिन्न प्रकार की योजनाओं में पानी की भूमिका को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि देश में पानी की व्यवस्था में सुधार और उसका दुरुपयोग करने वालों को दंडित किए जाने की जरूरत है। केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के पुनर्गठन के बारे में डॉ. मिहिर शाह समिति की रिपोर्ट का चर्चा करते हुए भारती ने कहा, "हमें रिफोर्म तो लाना है, लेकिन वह सर्वसम्मत होना चाहिए।"त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) 99 परियोजनाओं का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से लगभग 80 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजनाओं को वर्ष 2020 तक पूरा करने के लिए जरूरी रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्रीय जल आयोग के युवा वैज्ञानिकों की टीमें देशभर में भेजी गई हैं, जो शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।बाढ़ प्रबंधन में राज्य सरकारों एवं स्थानीय प्रशासन कि भूमिका का उल्लेख करते हुए जल भारती ने कहा कि उनकी भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे नदियों के बाढ़ संभावित इलाकों को पहले से चिह्नित करें और यह सुनिश्चित करें कि वहां बसावट न हो।इस एक दिवसीय संगोष्ठी में जल संसाधन मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष एस.डी.दुबे, जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सुखदेव थोरठ, केंद्रीय जल आयोग के मुख्य अभियंता संजीव अग्रवाल और जल कानूनों के विशेषज्ञ प्रो. डॉ. अवधेश प्रताप सहित अन्य व्यक्तियों ने भाग लिया।--आईएएनएस
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