वाशिंगटन, 3 दिसम्बर (आईएएनएस)| अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन के बीच शुक्रवार को हुई टेलीफोन वार्ता से चीन नाराज हो गया है। अमेरिका और ताइवान के बीच 1979 में राजनयिक संबंध समाप्त होने के बाद से यह दोनों देशों की पहली द्विपक्षीय वार्ता है।
हालांकि, इस बातचीत से चीन बौखलाया हुआ है। चीन के अधिकारियों का कहना है, "हम अमेरिका और ताइवान के बीच किसी तरह की आधिकारिक बातचीत और सैन्य संपर्क का पुरजोर विरोध करते हैं।"चीन ने इस संदर्भ में अमेरिका से स्पष्टीकरण मांगा है।व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने जारी बयान में कहा, "अमेरिका अपनी एक चीन नीति को लेकर प्रतिबद्धता दर्शाता है।"ट्रंप ने इस वार्ता लेकर एक ट्वीट भी किया था, जिसके मुताबिक, "ताइवान के राष्ट्रपति ने मुझे आज फोन कर राष्ट्रपति का चुनाव जीतने की बधाई दी। आपका धन्यवाद।"उन्होंने कहा, "रोचक है कि किस तरह अमेरिका, ताइवान को अरबों डॉलर के सैन्य उपकरण बेचता है लेकिन मुझे बधाई कॉल स्वीकार नहीं करना चाहिए।"यह टिप्पणी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन द्वारा 2015 में 1.83 अरब डॉलर के सौदे के संदर्भ में की गई, जिसमें ताइवान के लिए सैन्य उपकरण भी शामिल है। इस बिक्री समझौते से चीन नाराज है।गौरतलब है कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने 1979 में बीजिंग को चीन की एकमात्र सरकार घोषित किया था और इसके बाद अमेरिका और ताइवान के राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से समाप्त हो गए थे।अमेरिका ने 1980 में ताइवान में अपना दूतावास बंद कर दिया था।--आईएएनएस
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