केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान और उस पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण बात कहा। जेटली कहा कि को कृषि पर से दबाव हटाने के लिए अगले दो दशकों में तेजी से शहरीकरण पर जोर देना चाहिए।
वित्त मंत्री नई दिल्ली एडीबी-एशियन थिंक टैंक डेवलपमेंट फोरम को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी, एडीबी और आईसीआरआईईआर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सतत शहरीकरण विषय पर संबोधित कर रहे थे।
जेटली ने कहा, ‘अगले दो दशकों में, भारत को तेजी से शहरीकरण की तरफ जाना होगा, जैसा कि हम आजकल देख रहे हैं। मेट्रो के इर्दगिर्द उपनगरों का विकास करना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘शहरीकरण कृषि कामों में बड़ी संख्या में जुटे लोगों को राहत देने के लिए अनिवार्य है। शहरी भारत अब कुल आबादी का 31 फीसदी है। शहर अब राज्यों के विकास के इंजन बन गए हैं।’
जेटली ने हाल के दिनों में तेजी से विकसित हुए दो शहरों गुड़गांव और बेंगलुरू का हवाला दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या शहरों में आबादी का बोझ संभालने लायक बुनियादी संरचना है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राज्यों को ज्यादा से ज्यादा संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ भारत अभियान शहरीकरण की प्रक्रिया का अभिन्न अंग होगा।’
श्रोतः आईएएनएस
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